कौशाम्बी, फरवरी 15 -- लाखों मनरेगा मजदूरों को काम देने और भुगतान कराने वाले 300 रोजगार सेवक खुद ही मारे-मारे घूम रहे हैं। कहने के लिए सेवकों के पास रोजगार हैं, लेकिन भुगतान नहीं मिल रहा है। छह माह से इनको मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सका है। इससे उनके सामने घर खर्च चलाने का संकट खड़ा हो गया है। इनके हिस्से का डेढ़ करोड़ रुपये डंप पड़ा है, लेकिन दिया नहीं जा रहा है। इससे रोजगार सेवकों की परेशानी बढ़ गई है। सहालग के समय में मानदेय न मिलने से रोजगार सेवक खासे आक्रोशित हैं। मनरेगा कार्य के लिए जिले के सभी आठ ब्लाकों में करीब 300 रोजगार सेवक रखे गए हैं। रोजगार सेवकों को 7788 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। इसके बदले उनसे से ढेरों काम भी लिए जा रहे हैं। मनरेगा कार्य रोजगार सेवक कराते हैं। मस्टर रोल भरते हैं, इसके बाद बिल वाउचर तैयार करवाने के ...
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