कुशीनगर, फरवरी 13 -- Kushinagar News। शादी-विवाह हो या फिर अन्य कोई खास अवसर, लोग सजावट पर विशेष ध्यान देते हैं। इसमें फूलों की सजावट लोगों को खूब पसंद आती है मगर फूल कारोबार से जुड़े माली समाज की अपनी परेशानियां हैं। फूलों की सुगंध बिखेरने वाले माली समाज के लोग दुश्वारियों के चलते अपने पेशे से ही बेजार होने लगे हैं। परंपरागत पेशे से अब इन्हें कुछ खास लाभ भी नहीं है। उनका कहना है कि न तो उद्यान विभाग उनके उत्थान का प्रयास कर रहा है और न ही सरकार से कोई मदद मिल पा रही है। ऐसे में फूलों के कारोबार से जुड़कर आजीविका चला पाना भी अब कठिन हो गया है। 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में माली समाज ने अपना दर्द बयां किया। कुशीनगर । जिले में माली समाज की आबादी तकरीबन साढ़े तीन लाख के आसपास है। इसमें 90 फीसदी लोग आज भी परंपरागत पेशे से जुड़े हुए हैं। फूल कार...
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