कुशीनगर, मार्च 8 -- Kushinagar News: घरों और दफ्तरों में रोशनी फैलाने वाले इलेक्ट्रीशियन खुद कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। बिना सुरक्षा उपकरण जोखिमभरा काम करते हैं। न तो स्थिर आय है न ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है। एक तरह से उनकी आजीविका दिहाड़ी पर टिकी है। बड़े शहरों में तो फिर भी काम मिल जाता है लेकिन छोटे शहरों-कस्बों और गांवों में कोई गारंटी नहीं रहती है। आधुनिक तकनीक की जानकारी और प्रशिक्षण की कमी भी उनके पेशेवर विकास में बड़ी बाधा बन रही है। 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में इलेक्ट्रीशियनों ने अपनी समस्याएं बयां कीं। कुशीनगर जिले में 5,000 के आसपास इलेक्ट्रीशियन हैं, जिनकी आजीविका एक तरह से दिहाड़ी पर टिकी है। बिजली जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है, लेकिन बिजली से घरों में उजियारा फैलाने वाले इलेक्ट्रीशियनों का भविष्य ही ...
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