आगरा, जुलाई 9 -- ग्रामीण इलाकों के गांवों को जोड़ने वाले रास्तों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। गांवों से दूसरे गांवों के संपर्क रास्ते से आने जाने में दूरी कम लगती है और समय भी कम लगता है, लेकिन जब रास्ते ही खराब टूटे फूटे पड़े और खस्ता हाल हों तो राहगीरों को कितनी दिक्कतों को सामना करना पड़ता होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। सबसे ज्यादा मुसीबत तो इन दिनों बरसात के समय हो रही है, जब जल निकासी की व्यवस्था चौपट हो चुकी है, रास्ते पर जलभराव से निकलनना किसी भी राहगीर के लिए चुनौती भरा रहता है, कभी कभी तो पैदल राहगीरों को घूम फिरकर आना जाना पड़ता है या फिर बड़े वाहनों से होकर गुजराना पड़ता है। कासगंज से एटा की ओर जाने वाले हाइवे से सटे गांव कुरामई पंचायत से गांव के अन्य मजरा नगला मुंडा, गांव तिलसई खुद और ऐंठपुरा से एटा के गांव के गड़ौली से भी जुड़ता है...