आगरा, मई 8 -- जनपद कासगंज में गंगा और काली नदी गुजरने के कारण तरबूज और खरबूज की खेती बड़े पैमाने पर होती आ रही है। मौसमी फलों की यह खेती होती तो महज 3 माह की है, लेकिन गंगा के किनारे पड़ने वाले जिले के तटवर्ती क्षेत्रों में बालू जमा हो होने के कारण तरबूज-खरबूज आदि फसलों का उत्पादन बढ़िया रहता है। तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग भी बलुई मिट्टी में उत्पादन अच्छा होने के कारण तरबूज-खरबूज की खेती करना अधिक पसंद करते हैं। कटरी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों ने डिमांड बढ़ने के साथ ही तरबूज और खरबूज की खेती को बड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया। लेकिन फिर भी उनकी समस्याएं कम नहीं हो सकीं। आपके अपने समाचार पत्र हिन्दुस्तान के जनसंवाद कार्यक्रम बोले कासगंज के दौरान इन किसानों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। ले में तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसान बताते हैं,...
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