आगरा, सितम्बर 10 -- गंगा किनारे बसे तीन दर्जन से अधिक गांवों के लोग डेढ़ माह से जलभराव के बीच जिंदगी बसर कर रहे हैं। सोरों से लेकर पटियाली तक बाढ़ से हजारों हेक्टेयर भूमि की फसलें नष्ट हो चुकी हैं। बाढ़ के दंश से निजात के लिए विगत 10 वर्षों से वह सरकार की ओर टकटकी लगाए हैं। गंगा के बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन जरूरत के अनुसार ग्रामीणों को राहत सामग्री पहुंचा रहा है। गांवों में जलभराव रहने से तरह-तरह के रोग फैल रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है कि, आसपास अधिक समय तक जलभराव रहा तो डेंगू, मलेरिया बुखार स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है, जिसे लेकर ग्रामीण चिंतित नजर आते हैं। आपके अपने लोकप्रिय हिन्दुस्तान अखबार के बोले कासगंज संवाद में बाढ़ प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों ने अपनी दुश्वारियों को साझा करते हुए ...