एटा, अप्रैल 28 -- कासगंज। फोटोग्राफर बताते हैं कि शादी-विवाह के कारण वर्ष में 7 माह तो उनके पास काम रहता है। लेकिन इसके बाद वर्ष के 5 माह वे रोजगार को लेकर इसी चिंता में व्यतीत करते हैं, कि अपने आश्रितों का भरण पोषण कैसे करें। फोटोग्राफरों का कहना है कि सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जिससे रोजगार को लेकर हमारी समस्याओं का समाधान संभव हो सके। रोजगार की अनिश्चितता के चलते बीते दो दशकों में जिलेभर के दो दर्जन से अधिक लोगों ने अपने फोटो स्टूडियो के धंधे को बंद कर दिया। अब वे बाहर जाकर अन्य कामों के जरिए अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। फोटोग्राफर्स का कहना है कि रोजगार के अभाव में वित्तीय संकट के चलते परिवार का पालन पोषण करना कठिन हो जाता है। इस पेशे से जुड़े लोगों का कहना है, कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। सरकारी योजनाओं के...