वाराणसी, अक्टूबर 7 -- वाराणसी। सन-1967 से नगर निगम का हिस्सा है मगर न गांव वाला कलेवर बदला न गंवई होने का तीखा एहसास। गांव कह नहीं सकते और मोहल्ला कहे जाने की कभी स्थिति नहीं बन पा रही है। विडंबना यह कि लगभग छह दशक से यह महाल फुटबाल बना हुआ है। कभी सारनाथ तो कभी अकथा वार्ड हो जाता है पता मगर जलजमाव, पेयजल और सीवर लाइन के विकट संकट से बाशिंदों को मुक्ति नहीं मिल रही है। तीन दिन पहले की बारिश का पानी पूरी ठसक के साथ अब भी जमा है। नगर निगम के पिछले परिसीमन के बाद बेनीपुर अकथा वार्ड में शामिल किया गया। उसके पहले सारनाथ वार्ड का हिस्सा था। सबसे उल्लेखनीय बात यह कि बेनीपुर सन-1967 से महापालिका और नगर निगम का हिस्सा है। मगर, विकास की किरणों से मीलों दूर, सरकारी योजनाओं से वंचित नागरिकों की बेबसी का यदि इस दौर में भी उदाहरण देना पड़े तो शायद बेनी...
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