वाराणसी, जून 17 -- वाराणसी। वे बच्चों-युवाओं एवं बुजुर्गों की आंखों में धुंधलापन पकड़ते हैं। उससे आंखों की रोशनी बचाते हैं। जिला एवं मंडलीय अस्पतालों के अलावा सीएचसी-पीएचसी पर उनकी तैनाती है। उन्हें नेत्र परीक्षण अधिकारी (ऑप्टोमेट्रिस्ट) कहा जाता है। आंखों के इन पहरेदारों की खुद की जिंदगी सिस्टम के धुंधलापन से जूझ रही है। वेतन विसंगति के बीच बढ़ता वर्कलोड उन्हें तनावग्रस्त बना रहा है। सम्मान के लिए राजपत्रित अधिकारी का ओहदा पाने की पुरानी आस भी अधूरी है। वे चाहते हैं कि सीएचसी एवं पीएचसी भी आधुनिक जांच उपकरणों से लैस हों। नेत्र परीक्षण अधिकारी (ऑप्टोमेट्रिस्ट) पर मरीजों की सेवा में दिन रात जुटे रहते हैं। अधिक काम-कम वेतन और सीएचसी-पीएचसी पर आधुनिक जांच मशीनों की कमी के बीच वे अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। मंडलीय अस्पताल म...