वाराणसी, अक्टूबर 11 -- वाराणसी। गंगाजल प्रदूषण पर रोक के लिए लगभग चार दशक पहले जहां सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगा, वहीं का सीवर निस्तारण स्थानीय नागरिकों के लिए सिरदर्द बन गया है। दीनापुर में एक तो सीवर लाइन बिछाने में मनमानी हुई, दूसरे उसे एसटीपी से नहीं जोड़ा गया। सैकड़ो घरों का सीवर एक प्राचीन और गहरे तालाब में जा रहा है। इससे तालाब का भी अस्तित्व संकट में है। बड़ी आबादी को शुद्ध पेयजल नहीं मिलता। जलजमाव की भी गंभीर समस्या है। कंपोजिट स्कूल का जर्जर भवन जिम्मेदारों की सक्रियता की पोल खोल रहा है। दीनापुर नगर निगम की पूर्वी सीमा पर बसा अंतिम वार्ड है। तीन वर्ष पहले परिसीमन के बाद दीनापुर के बाशिंदे नवशहरी बने हैं। बनारस में गंगा एक्शन प्लान की सन-1986 में शुरुआत हुई, उसी के साथ दीनापुर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित हुआ। अब यहां 140 एवं ...