नई दिल्ली, अक्टूबर 26 -- वाराणसी। जिले में विभिन्न स्वयंसहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का एक वर्ग 'जागरण-सखी' की भूमिका निभा रहा है। इस भूमिका के लिए उन्होंने पहले खुद को तैयार किया। उन्हें समूह संचालकों से मदद मिली। अब वे गांव-गांव पहुंचकर महिलाओं को घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, संपत्ति में अधिकार, शिक्षा का महत्व और कानूनी सहायता जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दे रही हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ाव के नाते उन्हें जानने-समझने में देर नहीं लगी कि महिला सशक्तिकरण की राह में बाधाएं कौन-कौन सी हैं। भुल्लनपुर के भास्करा तालाब के पास एक ट्रस्ट के कार्यालय परिसर में जुटीं महिलाओं ने 'हिन्दुस्तान' के साथ बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। गीता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नशे की आसान उपलब्धता घरेलू हिंसा की मुख्य वजह बनती जा रही है। उनके मुताबिक सखी वन...