वाराणसी, अक्टूबर 1 -- वाराणसी। इस नवरात्र मिशन शक्ति-5.0 लांच होने के साथ महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की चर्चा तेज हो गई है। पुलिस, शिक्षा जैसे विभागों की पर्याप्त सक्रियता दिख रही है मगर कई जिम्मेदार विभागों में उसकी कमी है। खासकर कार्यशैली एवं क्रियान्वयन के स्तर पर। इससे रोजगार एवं स्वरोजगार से जुड़े प्रयासों को झटके लग रहे हैं तो ग्रामीण महिलाओं का बड़ा हिस्सा योजनाओं से दूर है। बुद्धिजीवी महिलाएं चाहती हैं कि विभिन्न विभागों को और संवेदनशील होने की जरूरत है वरना अभियान धीमा पड़ने और दिशा भटकने का खतरा है। शक्ति स्वरूपों की प्रतीक कही जाने वाली महिलाएं अपने अधिकार और सम्मान के लिए सदियों से संघर्ष करती आ रही हैं। समय के साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है। बदलाव की प्रक्रिया को सर्वस्पर्शी एवं तेज करने के लिए 'मिशन शक्ति क...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.