वाराणसी, जून 7 -- वाराणसी। 'स्वच्छ भारत अभियान को ताकत एवं गति नहीं मिलती यदि सफाईकर्मी न होते। शहर में सफाई व्यवस्था चौक-चौबंद दिखने के पीछे उन कर्मचारियों की मेहनत होती है। हर मौसम-माहौल में उन्हें झाड़ू-फर्राटी लिए रोज सुबह निकलना पड़ता है। तपती दोपहरी में भी देते हैं ड्यूटी। वीवीआईपी आगमन पर सड़क पर तिनका तक न दिखने की जिम्मेदारी निभाते हैं। स्वच्छता के इन झंडाबरदारों को दर्द है समान काम का समान वेतन न मिलने का। एक्स्ट्रा ड्यूटी का मेहनताना नहीं मिलता। मुद्दत से वेतन नहीं बढ़ा है। मेडिकल सुविधा से वंचित हैं। नगर निगम में 6670 सफाईकर्मी हैं। इनमें 911 नियमित हैं जबकि 1001 संविदा और 4758 आउटसोर्सिंग पर रखे गए हैं। ककरमत्ता फ्लाईओवर के नीचे जुटे संविदा और आउटसोर्सिंग पर रखे गए सफाईकर्मियों ने 'हिन्दुस्तान से बातचीत में अपनी समस्याएं साझा...
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