वाराणसी, अप्रैल 1 -- वाराणसी। शिवनगरी की प्रतिष्ठा में काशी के कुंड-तालाबों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। ये तालाब जल के साथ लोकाचार, लोक परंपराओं के भी संरक्षक माने जाते रहे हैं। उनमें एक तालाब पांडेयपुर मानसिक अस्पताल के बगल में है। डेढ़ वर्ष से अधिक उम्र पूरी कर चुके इस ऐतिहासिक सरोवर की सेहत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। तालाब भूमि पर दो तरफा अतिक्रमण, गंदगी के सामने बगल के रहवासी लाचार और क्षुब्ध हैं। उन्हें मोहल्ले की सड़क और गलियों में ठोकर लगने से उतनी पीड़ा नहीं होती। सीवर ओवरफ्लो से निपट लेते हैं। शहर की तरह वरुणापार क्षेत्र में भी अनेक ऐतिहासिक कुंड-तालाबों की लंबी शृंखला रही है। उनमें कुछ जनजागरूकता से बचे हैं, कुछ का वैभव लौटा है तो अनेक उपेक्षा के मैदान में अस्तित्व बचाने की जंग लड़ रहे हैं। पांडेयपुर मानसिक अस्पताल के बगल वाला ...