वाराणसी, अगस्त 23 -- वाराणसी। मनुष्यों और जंगली जानवरों से आत्मरक्षा के लिए चीन में विकसित हुई कला अब अन्तरराष्ट्रीय लोकप्रियता के रथ पर सवार है। मन और आत्मा को मजबूत बनाने वाली यह पारंपरिक कला खेल और अनुशासन का संगम कही जाती है। शिव की काशी में भी इसके मुरीद युवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन वे सही मैदान, योग्य प्रशिक्षकों के साथ सहयोग और संसाधनों के अभाव के चलते समुचित अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। प्रतियोगिताओं की लगभग शून्यता के चलते वे खुद को साबित भी नहीं कर पाते। कुंग फू वुशु चीनी मार्शल आर्ट का मिश्रित एवं विकसित रूप माना जाता है। जानकारों के मुताबिक 'कुंग फू का अर्थ है किसी कार्य में गहन अभ्यास और मेहनत जबकि 'वुशु का सीधा अर्थ है-'युद्ध की कला। कुछ लोग वुशु को कुंग फू का आधुनिकीकरण मानते हैं। समय के साथ यह परंपरागत कला खेल के र...
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