वाराणसी, मई 17 -- वाराणसी। 'पहले फोरलेन के लिए ध्वस्तीकरण और धूल-गुबार झेला। अब सिक्सलेन के लिए वही माहौल झेल रहे हैं। बल्कि उसमें प्रेशर हार्न का असहनीय शोर और पिछले आठ माह से खतरनाक नाले-नालियों की भी कड़ी जुड़ गई है। लहतरतारा चौराहा, फुलवरिया फ्लाईओवर के नीचे से पुलिस चौकी तक मनमाने ढंग से वाहन खड़े हो रहे हैं। यात्री बसों के चालक जहां सवारी दिखी, वहीं वाहन रोक देते हैं। इससे आए दिन जाम लगता है। धूल-गर्दे की मार अब भी पड़ रही है-यह दर्द है लहरतारा चौराहा के आसपास के बाशिंदों का। फुलवरिया फ्लाईओवर बनने के बाद लहरतारा चौराहे पर वाहनों का आवागमन बढ़ गया है। भारी वाहनों के प्रेशर हॉर्न ने स्थानीय लोगों का चैन छीन लिया है। लहरतारा चौराहे के आसपास लगभग 500 से ज्यादा घर हैं। आबादी लगभग आठ हजार है। दिनभर के शोरगुल के बाद रात में सुकून की नींद ...
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