वाराणसी, जुलाई 8 -- वाराणसी। किसान हर रोज ताजी और हरी सब्जियां लेकर पहुंचते हैं मगर मंडी में जमा कूड़ा-कचरे का ढेर और हर कदम पर कीचड़-गंदगी उन्हें बीमार बना रही है। रामनगर सब्जी मंडी के आढ़तियों, सब्जी विक्रेताओं की 'किला यानी पूर्व काशिराज परिवार से ऐसी रार ठन गई है कि नगर निगम वहां सफाई नहीं करा पा रहा। बिजली विभाग कनेक्शन नहीं दे पाता। 'किला की मंशा मंडी को अन्यत्र शिफ्ट करने की है जबकि कारोबारी दिक्कतों के चलते आढ़तिया तैयार नहीं हैं। यह तनातनी रोज दिक्कतों की नई कहानी रच रही है। ----- रामनगर की सब्जी मंडी करीब 25 वर्ष पहले आबाद हुई। सुप्रसिद्ध मंशादेवी मंदिर के पास राजपरिवार के एक भूखंड पर लगभग 50 दुकानों (आढ़त) के अलावा फुटकर विक्रेताओं को जगह आवंटित की गईं। एक आढ़ती से रोज 100 रुपये की वसूली होती है। आढ़तिया, फड़ विक्रेता और किसान ...