वाराणसी, मार्च 23 -- वाराणसी। काशी स्टेट के जमाने और उसकी छत्रछाया में आबाद रिहाइश। तब खुशनुमा प्रभाती में दिनचर्या शुरू होती थी, मुस्कुराते-हंसते पूरी हो जाती थी। घरों में लोरियां सुनाई देती थीं, न कि मच्छरों का सरगम। निछद्दम के आदतियों को न संडास की फिक्र थी न मलजल किसी गली में राह रोकता था। गला तर करने को चापाकल-कुएं थे। अब रामनगर के मछरहट्टा में कमोबेश हर शख्स की जुबानी सीवर-पानी की परेशानी और अवैध कब्जों की कहानी सुनाई देती है। 'अपनों की उपेक्षा नागरिकों को जले पर नमक जैसी पीड़ा देती है। नगर पालिका का इतिहास समेटे रामनगर के मछरहट्टा मोहल्ला अब नगर निगम के गोलाघाट वार्ड का हिस्सा है। नगर पालिका के समय वार्ड मछरहट्टा के नाम से ही जाना जाता था। मोहल्ले की चर्चित भांग वाली गली में स्थित रामजानकी मंदिर पर जुटे नागरिकों ने 'हिन्दुस्तान से ...
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