वाराणसी, मई 4 -- वाराणसी। इंटर-डिग्री कॉलेजों की छात्राएं हर दिन मन को मजबूत एवं जज्बे को फौलादी बना कर घरों से निकलती हैं। उन्हें भीषण जाम, बेलगाम वाहनों और बदजुबान मनबढ़ों से जूझना जो पड़ता है। किसी कॉलेज के सामने ही यात्री-शव वाहनों की पार्किंग बना दी जाए तो जाहिर है, वहां की छात्राओं-शिक्षिकाओं की मन:स्थिति सही नहीं हो सकती। पठन-पाठन प्रभावित होगा। यह हरिश्चंद्र बालिका इंटर कॉलेज से भी जुड़ा एक कटु सच है। गेट से चंद कदम दूर पुलिस चौकी है मगर अराजक युवा भी सामने जमे रहते हैं। आधुनिक हिंदी के अग्रदूत भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाम पर मैदागिन चौराहे के आसपास तीन कॉलेज हैं- लड़कों का इंटर एवं पीजी कॉलेज और बालिका इंटर कॉलेज। पीजी और बालिका इंटर कॉलेज एक-दूसरे से सटे हुए हैं। सन्-1966 में स्थापित बॉलिका इंटर कॉलेज में छात्राओं की संख्या 12 सौ ...