वाराणसी, जून 18 -- वाराणसी। ईमानदारी होती तो अमृत सरोवर योजना शुरू के बाद से कई तालाब-पोखरों का कलेवर बदल गया होता, वे जलसंरक्षण के सबसे उपयोगी अस्त्र बन गए होते। शहरी क्षेत्र में भी कई जलाशय उस योजना से दूर, जिम्मेदारों की नजरों से उपेक्षित हैं। इसका लाभ जाने-अनजाने भूमाफिया उठा रहे हैं। मंडुवाडीह वार्ड में भी एक तालाब वर्षों से उपेक्षित है। झाड़-झंखाड़ से घिरे तालाब में आसपास के दर्जनों घरों का सीवेज जा रहा है। स्थानीय लोगों को उम्मीद नहीं है कि इस बरसात में भी तालाब का पानी अमृत बन पाएगा। पौराणिक मांडवी तालाब को सहेजे वार्ड में दूसरे कई बड़े तालाब-पोखरे हैं जिनके संरक्षण की उतनी ही शिद्दत से दरकार है। साल-दर-साल भूगर्भ जल के बढ़ते संकट को रोकने में इन जलाशयों की महत्वपूर्ण भूमिका से किसी जिम्मेदार को इनकार नहीं मगर उनके स्तर से कोशिशें...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.