वाराणसी, अक्टूबर 18 -- वाराणसी। कोदई चौकी से बड़ादेव के बीच का बाजार इलेक्ट्रानिक गुड्स की बिक्री के लिए बाद में चर्चित हुआ। दशकों पहले से उसकी चर्चा रजाई-गद्दा की दुकानों के लिए होती रही है। यह बाजार पूर्वांचल के विभिन्न जिलों को ठंड के मौसम में गर्मी देता रहा है। फिलहाल, रजाई-गद्दा निर्माताओं-विक्रेताओं के दिन बेचैनी में गुजर रहे हैं। बाजार में मंदी की चादर बिछी है। हर साल भारी जलजमाव और तारों में शार्ट सर्किट-लो वोल्टेज से दुकानदारी प्रभावित होती है। अब रोपवे के चलते लगे प्रतिबंधों ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ---------- जिले के विभिन्न बाजारों में अब रुई की धुनाई और गद्दा-रजाई की बुनाई करने वाले एक-दो दुकानदार जरूर मिल जाएंगे। जानकारों के मुताबिक चार-पांच दशक पहले कोदई चौकी और उसके बाद बड़ादेव में रजाई-गद्दे की दुकानें खुलीं। कोदई चौकी म...