वाराणसी, जनवरी 31 -- वाराणसी। हर एक बच्चे को शिक्षित बनाने के लिए सरकार योजनाएं लागू करती है तो उनके क्रियान्वयन में निजी स्कूल भी पीछे नहीं रहते। वे बेसिक शिक्षा विभाग के तय मानकों का पालन करते हैं। बदले में संचालक पग-पग पर विभागीय बाधा-प्रताड़ना का शिकार होते हैं। शुल्क प्रतिपूर्ति का करोड़ों का बकाया उनकी कमर तोड़ रहा है। स्कूलों की मान्यता, वाहनों की फिटनेस, टैक्स लोड, डाटा फीडिंग में अशुद्धि जैसे बिंदुओं पर अफसरों का व्यवहार हतोत्साहित करता है। संचालक नियमों में ढील के साथ अफसरों से सहयोगात्मक व्यवहार चाहते हैं। बनारस के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 500 निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं। यह संख्या नामचीन निजी स्कूलों से अलग है। उनकी मान्यता बेसिक शिक्षा विभाग के जरिए प्रदेश सरकार देती है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले वे सरक...
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