नई दिल्ली, अक्टूबर 26 -- फुलवरिया क्षेत्र के मशीनीबीर घाट पर भी छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। वरुणा यहां जहरीले नाले में तब्दील हो चुकी है। उसमें व्रती महिलाएं डुबकी लगाने से डरती हैं। 15 हजार भक्तों के लिए यहां न पक्की सड़क है, न शुद्ध पेयजल, न ही बिजली की रोशनी और न एनडीआरएफ की तैनाती होती है। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते आस्था के इस तट पर आस्था का हर वर्ष दुर्व्यवस्थाओं से संघर्ष दिखता है। मशीनीबीर बाबा मंदिर के बगल में डाला छठ पूजनोत्सव समिति के सदस्यों और व्रती महिलाओं ने 'हिन्दुस्तान' के साथ बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। बोलीं, पौराणिक महत्व की वरुणा का पानी आचमन करने योग्य भी नहीं रह गया है। इस कारण महापर्व छठ की परंपरा प्रभावित हो रही है। व्रती महिलाएं दूषित नाले के बगल में ऊबड़-खाबड़ कीचड़ भरे रास्ते से उतरती हैं। अध्यक...
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