वाराणसी, दिसम्बर 4 -- वाराणसी। जहां हर सुबह बड़ों और बच्चों के कदम मलजल में पड़ते हों, वह गंदगी कभी-कभी घर-आंगन में मेहमान बन जाती हो तो बाशिंदों की असहज मनोदशा का अंदाज लगाया जा सकता है। दूसरी दुश्वारियों ने भी मड़ौली राजभर बस्ती से बैर ठान रखा है-प्रदूषित जलापूर्ति, कूड़ा-कचरा, बिजली के स्मार्ट मीटरों से उपजते मनमाने बिलों के रूप में। चिकित्सा सुविधा से जुड़ी योजनाओं से यहां के बहुतेरे बाशिंदे अछूते हैं। स्ट्रीट लाइट सपना है लोगों के लिए। उनका सवाल कचोटने वाला है-'क्या हमें स्वच्छ, सुरक्षित जीवन जीने का हक नहीं है?' मड़ौली नगर निगम का नवशहरी वार्ड है। इसे अनेक नवविकसित कॉलोनियां बहुत बड़ा मोहल्ला भी बनाती हैं। इसकी पुरानी बसावट-राजभर बस्ती-भी मोहल्ला बनने की राह पर है। इसे लगभग एक हजार मकानों में आबाद 10 हजार के आसपास की जनसंख्या से समझ...