वाराणसी, मई 14 -- वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) परिसर में दो मार्केट हैं। इन्हें सेंट्रल और गुमटी मार्केट कहा जाता है। दोनों जगह करीब 800 दुकानें हैं। 20 से 40 वर्ष पुरानी। सुई से लेकर सेनेटरी, जूता-चप्पल से लेकर कास्मेटिक्स के हर आटम मिलते हैं। इन दुकानदारों की सबसे बड़ी चिंता 20 वर्षों से दुकानों के लाइसेंस का रिन्युअल न होने की है। डर है कि आजीविका की मुख्य साधन ये दुकानें कहीं छिन न जाएं। जलजमाव, असुरक्षा-गंदगी और टूटी सड़क की समस्या भी उन्हें मार्केट पर दाग सरीखी लगती है। बरेका में कर्मचारियों की जरूरत को देखते हुए पहले जहां-तहां दुकानें खुलीं। उन्हें जलालीपट्टी में गुमटी मार्केट और बीच परिसर सेंट्रल मार्केट में व्यवस्थित किया गया। परिसर के बाहर के लोग भी इन दुकानों पर खरीदारी करते हैं। इन दुकानों का प्रतिनिधित्व बरेका व्या...