कानपुर, फरवरी 27 -- बिरहाना रोड की तंग गलियों में दवा का थोक कारोबार कई दशकों से फल-फूल रहा है। कारोबार में अब कई मुसीबतें और चुनौतियां हैं। ये सब तो हम हाल के वर्षों में बहुत झेल चुके। आगे भी सामना कर लेंगे मगर हमें चाहिए गलियों में सफाई का मरहम। चौबीस घंटे मौत बनकर खड़े हैं बिजली के जर्जर पोल व चिंगारियां फेंकते तार। इन समस्याओं ने बाजार की गलियों को बीमार बना दिया है। इनसे दवा कारोबार भी 'मरीज बन चुका है। सत्तर साल पुराने दवा बाजार की रौनक अब पहले जैसी नहीं रही। न सिर्फ बाजार बल्कि यहां के व्यापारियों ने भी तमाम चुनौतियों का सामना किया है। कारोबारियों को कसक है कि भरपूर टैक्स देने के बाद भी न तो बिजली व्यवस्था पटरी पर आई और न ही सफाई और पार्किंग के ही ठोस इंतजाम हुए। वर्षों से उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह गूंज कर रह गई। सरकारी म...