कानपुर, फरवरी 19 -- कुली! यह पदनाम जुबां पर आते ही जेहन में वर्ष 1983 में बनी फिल्म 'कुली और इसका किरदार निभाने वाले अमिताभ बच्चन का चेहरा कौंधने लगता है। यूं तो वर्ष 1995 में रिलीज हुई गोविंदा की 'कुली नंबर 1 और वर्ष 2000 में आई मिथुन चक्रवर्ती की 'बिल्ला नंबर 786 भी कुलियों के जीवन से ही संबंधित थी मगर लोगों पर सबसे ज्यादा छाप 'कुली ने ही छोड़ी जो ब्लॉक बस्टर साबित हुई पर वास्तविक जीवन में शायद ही किसी यात्री ने कुलियों का दर्द जानने की कोशिश की हो। कानपुर सेंट्रल पर यात्रियों का बोझ उठाने का किरदार कुली आज भी शिद्दत से निभा रहे हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से कुलियों ने अपना दर्द साझा किया। बयालिस साल पहले रिलीज हुई फिल्म कुली का यह गाना आज भी उनके लिए कमोबेश प्रासंगिक है- 'सारी दुनियां का बोझ हम उठाते हैं, लोग आते हैं लोग जाते हैं...