कन्नौज, फरवरी 13 -- कन्नौज। अमीर हो या गरीब, सबकी खुशियों में चार चांद लगाने वाले बैंडबाजा वालों पर डीजे और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भारी पड़ रहे हैं। हर कार्यक्रमों पर राज करने वाले बैंडबाजा संचालक आज बुरे दौर से गुजर रहे हैं। इनका जीवन समस्याओं से भरा पड़ा है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से दर्द बयां करते हुए बैंडबाजा संचालकों और कलाकारों ने अपनी समस्याएं साझा कीं। बातचीत के दौरान बैंडबाजा व्यवसायी राजू ने कहा कि डीजे की धमक में अब बैंडबाजा की धुन धीमी पड़ गई है। हमें भी अपना और अपने परिवार का पेट पालना है। खुशियां देने वाले हम लोग खाली हैं। कभी शादी विवाह में अपने अनोखे अंदाज में सुरीली धुन छेड़ कर लोगों को थिरकने के लिए मजबूर करने वाले बैंडबाजा की आवाज डीजे की गूंज में गुम होती जा रही है। आधुनिकता के बढ़ते प्रचलन और विकसित तकनीकि के चलते...