कन्नौज, मार्च 24 -- कन्नौज। नाविकों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत गंगा में नाव खड़ी करने के तय स्थान की है। सही इंतजाम न होने से नाविकों को अक्सर पुलिस और गंगा पुत्रों की उलाहना का शिकार होना पड़ता है। सरकार की ओर से चलाई जा रहीं योजनाओं से नाविक वंचित हैं तो वहीं शिक्षा की मुख्य धारा से भी उनके परिवार की दूरी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि केवट की नइया मझधार में है। बस उन्हें प्रभु की कृपा की जरूरत है। यही नहीं निषाद समाज के लोगों को तो योजनाओं का लाभ मिल जाता है मगर दूसरे समाज के लोग जो कि वर्षों से नाव चला रहे हैं वह, योजनाओं की श्रेणी में नहीं आ पाते हैं। गंगा मां के आंचल में पीढ़ी दर पीढ़ी श्रद्धालुओं की सेवा करते आ रहे नाविक समाज को अभी तक यह पता नहीं है कि सरकार उनके लिए क्या योजनाएं चला रही है? जहां एक ओर उनके बच्चे शिक्षा से वंचित हैं...
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