कन्नौज, मार्च 10 -- कन्नौज। खस की चटाई। कुछ साल पहले गर्मियों में घर के दरवाजों और खिड़कियों पर लटकी ये चटाई उस घर में रहने वालों की शान समझी जाती थी। भीषण गर्मी में भी इस चटाई से होकर आने वाली हवा एसी जैसी ठंडक का अहसास कराती है। कन्नौज खस की चटाई का बड़ा उत्पादक था, पर महंगा होता कच्चा माल और प्रोत्साहन के अभाव में यह कारोबार कम होता जा रहा है। कारीगरों की पीड़ा है कि 12-12 घंटे तक काम करने के बावजूद उन्हें मेहनताना नहीं मिल पाता है। कन्नौज में इत्र कारोबार से जुड़े कई ऐसे उत्पाद भी बनते हैं जिनकी मांग सीजन के मुताबिक होती है। हालांकि यह उत्पाद स्थानीय स्तर पर तो डिमांड में रहते हैं पर बड़े पैमाने पर इनको बाहर नहीं भेजा जा रहा है। यही वजह है कि इन कारोबार को पंख नहीं लग पा रहे हैं। ऐसे ही खास उत्पादों में शामिल है खस की चटाई। खस घास से बनने ...