कन्नौज, मई 1 -- कन्नौज। आज भी ईंट-भट्ठा, ऊंचे भवनों में मजदूर जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। न तो उन्हें चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही अन्य योजनाओं का लाभ। बावजूद इसके मजदूर अपना कार्य करके दो वक्त की रोटी जुटा रहे हैं। भीषण गर्मी हो या फिर बारिश मजदूरों को बस चिंता रहती है कि किसी तरह से काम मिल जाए ताकि उनके घरों का चूल्हा ठंडा न रहे। यही वजह है कि आज जहां हर ओर विकास और आर्थिक सबलता देखने को मिल रही है तो वहीं आज भी मजदूर संघर्ष करता नजर आ रहा है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान ने मजदूरों की समस्याओं को लेकर उनसे बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि महंगाई दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में मजदूरी बढ़ाई जानी चाहिए। खुले आसमान के नीचे गर्मी में सड़क के किनारे खड़े दिहाड़ी मजदूर परेशान हैं कि आज भी कोई काम मिलेगा या नहीं। ...
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