भागलपुर, मई 7 -- दूसरों के चेहरे पर मुस्कान उकेरने वाले फोटोग्राफर अक्सर अपने दर्द को कैमरे के पीछे छुपा लेते हैं। हर फ्लैश के साथ वे खुशियों को संजोते हैं, लेकिन उनकी अपनी जिंदगी कई अनदेखे संघर्षों से घिरी रहती है। महंगे कैमरे, अनिश्चित बुकिंग, घटती आमदनी और देर रात तक की मशक्कत, ये सब उनके जीवन का अनकहे हिस्से हैं। जहां वे हर फ्रेम में किसी की खुशी कैद करते हैं, वहीं उनकी खुद की तस्वीरें अक्सर अधूरी रह जाती हैं। हर हाथ में मोबाइल होने के बाद फोटोग्राफरों का काम कम हो गया है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जिले के फोटोग्राफरों ने अपनी परेशानी बताई। 05 सौ से अधिक फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर काम कर रहे हैं जिले में 10 लाख रुपए तक का कर्ज मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से मिलने की उम्मीद 05 लाख का अनुदान फोटोग्राफरों को मिलने से हो सकती है बड़ी...