भागलपुर, अप्रैल 22 -- कटिहार जिले में वर्ष 2010 से कार्यरत किसान सलाहकारों की हालत बदतर है। प्रगतिशील किसानों को कृषि मार्गदर्शन के लिए बहाल किये गये थे, लेकिन समय के साथ सरकारी कर्मचारियों की तरह कार्यभार दे दिया गया। न मानदेय में उचित वृद्धि हुई, न संविदाकर्मी का दर्जा मिला। 15 वर्षों में महज 1,000 रुपये की बढ़ोतरी और ईपीएफ कटौती हुई। बावजूद उन्हें स्थायीकरण से वंचित रखा गया। पंचायतों से दूर तैनाती, लंबी दूरी की आवाजाही और न्यूनतम वेतन के बीच किसान सलाहकार सम्मानजनक जीवन की आस में हैं। सरकार से स्थायी नियुक्ति और सम्मानजनक मानदेय की मांग कर रहे हैं। 15 वर्षों से किसानों को विभागीय योजनाओं की जानकारी और लाभ दिला रहे 01 सौ 87 किसान सलाहकार जिले के विभिन्न पंचायतों में हैं कार्यरत 16 प्रखंडों में कृषि विभाग के कार्यों को पहना रहे हैं अमली...
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