भागलपुर, अगस्त 18 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज/मोना कश्यप कटिहार के युवा पिछले 17 साल से उस बहाली का इंतजार कर रहे हैं, जो उनके करियर और जीवन की दिशा बदल सकती थी। 2008 से लंबित लाइब्रेरी साइंस बहाली ने उनका भविष्य अधर में लटका दिया है। डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने सोचा था कि किताबों के जरिए बच्चों का भविष्य संवारेंगे, लेकिन अबतक नियुक्ति की कोई किरण नहीं दिखी। लंबे इंतजार ने उनकी उम्र और उम्मीद दोनों को चोट पहुंचाई है। लाइब्रेरी बिना किताबों और कर्मियों के सूनी पड़ी हैं, जबकि प्रशिक्षित युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। कई अभ्यर्थी अब ओवरएज हो गए हैं, मगर सरकार की उदासीनता ने उनकी पीड़ा को और गहरा कर दिया है। ले के युवा पिछले 17 सालों से लाइब्रेरी साइंस की सरकारी बहाली का इंतजार कर रहे हैं। 2008 से अबतक किसी भी प्रकार की नियुक्ति प...