भागलपुर, सितम्बर 12 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज गांव की सुबह से शाम तक विकास की हर धड़कन पंचायत रोजगार सेवकों की मेहनत से जुड़ी है। कोई खेतों में तालाब खुदवाता है, कोई सड़क बनवाता है तो कुछ बेरोजगारों को काम देकर उनकी रोटी साझा करते हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि जिन लोगों ने गांव के जीवन को बेहतर बनाने में दिन-रात मेहनत की, वे खुद असुरक्षा और तंगी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं। 18 वर्षों से सेवाएं देने के बावजूद उन्हें न तो स्थायी दर्जा मिला है, न ही वेतन का उचित सम्मान। उनकी स्थिति आज भी अनिश्चित और मुश्किल बनी हुई है। वेतनहीनता और उपेक्षा के बीच उनकी आंखों में उम्मीद की नमी फिर भी बाकी है, जो सरकार से न्याय और उचित दर्जा मिलने की आस लिए बैठी है। कटिहार जिले के 16 प्रखंडों की 231 पंचायतों में कार्यरत पंचायत रोजगार सेवकों की जिंदगी संघर...
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