भागलपुर, मई 30 -- कटिहार जिले की हजारों आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं वर्षों से बच्चों के पोषण, शिक्षा और देखरेख की जिम्मेदारी निभा रही हैं। भवनहीन केंद्रों और झोपड़ियों में काम करने के बावजूद वे पूरे समर्पण के साथ सेवा दे रही हैं, लेकिन बदले में उन्हें न पर्याप्त मानदेय मिल रहा है, न कोई सामाजिक सुरक्षा। विभाग की ओर से लगातार काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है। तकनीकी जिम्मेदारियों से लेकर पोषण ट्रैकर एप तक। लेकिन संसाधन पुराने हैं और मोबाइल तक नहीं मिला। बढ़ती महंगाई और अपर्याप्त मानदेय के कारण उनका जीवन कठिन होता जा रहा है, जिससे असंतोष और पीड़ा बढ़ती जा रही है। संवाद के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी परेशानी बताई। 33 सौ 99 स्वीकृत हैं जिले में आंगनबाड़ी केंद्र 22 सौ 16 आंगनबाड़ी केंद्र जिले में हैं भवनहीन 68 प्रतिशत केंद्र झोपड़ी या ...