भागलपुर, जुलाई 31 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज, मोना कश्यप कटिहार के युवाओं के सपनों में पंख तो हैं, लेकिन उड़ान के लिए आसमान नहीं। बदलते दौर में जहां दुनिया तकनीक और कौशल की दिशा में आगे बढ़ रही है, वहीं यहां के नौजवान आज भी परंपरागत डिग्रियों के सहारे भविष्य तलाशने को मजबूर हैं। आधुनिक कोर्सों और व्यावसायिक शिक्षा की कमी ने उनके आत्मविश्वास को कमजोर किया है। उन्हें चाहिए नए रास्ते, नई सोच और ऐसा मंच, जहां वे हुनर के साथ भविष्य गढ़ सकें। कटिहार के युवाओं में क्षमता है-बस जरूरत है सही दिशा और अवसर की। तभी बनेगा आत्मनिर्भर कटिहार, जागेगा एक नया विश्वास। कटिहार के युवा सपनों को लेकर सजग हैं, लेकिन राहों की कमी उन्हें बार-बार पीछे खींच लेती है। जिले में जहां एक ओर शहरीकरण और विकास के नए दौर की शुरुआत हो रही है, वहीं दूसरी ओर तकनीकी और व्याव...