भागलपुर, फरवरी 18 -- वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ने का काम करने वाले शिक्षा सेवी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिन स्कूलों से संबद्ध किया गया, वे टोले से 30 किलोमीटर दूर हैं। इनमें से कई तो विभाग के रिकॉर्ड में ही नहीं हैं। अब ये कहां जाएं। हाजिरी ऑनलाइन बनानी है, मगर आधे से अधिक टोला सेवकों और तालीमी मरकज का ई-शिक्षा कोष एप पर नाम ही नहीं है। इनका कहना है कि समस्याओं का समाधान हो तो महादलित और अल्पसंख्यक बच्चों को अशिक्षा के अंधेरे से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने में मशाल बनकर काम कर सकेंगे। 22 हजार मानदेय दिया जाता है जिले के शिक्षा सेवकों को 15 सौ 50 से अधिक शिक्षा सेवक काम कर रहे हैं जिले में 30 किलोमीटर तक दूरी तय कर पहुंचते हैं अपने विद्यालय महादलित और अल्पसंख्यक टोलों के बच्चों को शिक्षा देना, उन्हें स्कूल तक लाना और फिर घर छोड़ना।...