भागलपुर, नवम्बर 28 -- - प्रस्तुति : ओमप्रकाश अम्बुज कटिहार के कॉलेज शिक्षा के बजाय परीक्षा केंद्रों में बदल गए हैं। केबी झा कॉलेज इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां जर्जर भवनों में छात्र भय के माहौल में पढ़ाई करते हैं। सुरक्षा और पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से विद्यार्थियों को असुविधा होती है, वहीं पुराना हॉस्टल नशाखोरों का अड्डा बन गया है। डीएस कॉलेज की हालत भी ऐसी ही है। बार-बार परीक्षा केंद्र बनने से नियमित कक्षाएं बाधित हो जाती हैं और दूरदराज के छात्र बिना परीक्षा दिए लौटने को मजबूर होते हैं। इनडोर स्टेडियम में भी परीक्षा आयोजित होने से खेलकूद प्रभावित होता है। स्मार्ट क्लास जैसी आधुनिक सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा व्यवस्था जर्जर भवनों, असुरक्षा और अव्यवस्था के दबाव में चरमरा रही है। अब जरूरत है कि कॉलेजों को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जा...
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