पूर्णिया, अगस्त 27 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज/ मोना कश्यप कटिहार की गलियों और मैदानों में बच्चों के सपनों की गूंज सुनाई देती है। हर बच्चा अपने भीतर किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभा छुपाए बैठा है। कोई पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़कर भविष्य बनाना चाहता है तो कोई खेल के मैदान में मेहनत करके अपनी पहचान बनाना चाहता है। लेकिन संसाधनों और अवसरों की कमी उनके सपनों को अधूरा छोड़ देती है। खेल के मैदान, पुस्तकालय और उचित शिक्षण सामग्री का अभाव बच्चों की क्षमता के पूर्ण विकास में बाधा बनता है। यदि बच्चों को सही अवसर और सुविधा मिले तो वे न केवल अपने सपनों को साकार करेंगे बल्कि जिले के विकास में भी योगदान देंगे। कटिहार की धरती हमेशा से प्रतिभाओं की खान रही है। जिले के युवा अपने जोश और जज्बे से हर क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं, लेकिन खेलों की दुनिया में तस्वी...