भागलपुर, अगस्त 2 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज, मणिकांत रमण हर सुबह जब कोई अपने घर से निकलता है तो परिवार यही दुआ करता है कि वह सुरक्षित लौटे। लेकिन कटिहार से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग अब इन दुआओं को कमजोर करने लगा है। यहां हर दिन कोई न कोई हादसा होता है, जो किसी का सुहाग छीन लेता है तो किसी मां की गोद सूनी कर देता है। ये हादसे सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि बिखरे हुए परिवारों की चीखें हैं, जिनकी गूंज अब ट्रामा सेंटर की मांग बन चुकी है। ऐसी भयावह स्थिति में यह जरूरी हो गया है कि यहां बेहतर चिकित्सा सुविधा, विशेष रूप से ट्रामा सेंटर की स्थापना हो, ताकि अनमोल जिंदगियों को समय पर बचाया जा सके। कटिहार से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 31, जो कभी पूर्वोत्तर की जीवनरेखा कहा जाता था, आज एक जानलेवा सड़क बन चुका है। आए दिन हो रही सड़...
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