भागलपुर, मई 5 -- कटिहार जिले के मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमाम और मदरसों में दीनी तालीम देने वाले मौलाना इन दिनों गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। मामूली वेतन में न घर का खर्च चल रहा है, न बच्चों की पढ़ाई हो पा रही है। समाज की सेवा में दिन-रात जुटे ये लोग बिना शिकायत किए अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। ये सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उनकी खिदमत का वाजिब हक कब मिलेगा? पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में जहां इमामों के लिए वजीफा तय है, वहीं बिहार में अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है। 90 प्रतिशत इमाम को वेतन समाज से ही मिलता है 05 सौ रुपए प्रतिदिन मेहनताना मिलता है मजदूर को 01 सौ 70 से 230 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं इमाम को 06 सौ से अधिक मस्जिद है कटिहार जिले में मस्जिदों के इमाम और मदरसों के उलेमा जिले में आर्थिक तंगी से गुज...