भागलपुर, सितम्बर 13 -- प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज/अजय गुप्ता बरसात का मौसम आते ही कटिहार-मनिहारी रेलखंड पर बना रघुनीचौक अंडरपास लोगों के लिए राह नहीं, मुसीबत बन जाता है। मनसाही प्रखंड की लगभग 60 हजार आबादी जिसके सहारे अपनी दिनचर्या चलाती है, वही अंडरपास आज अधूरे निर्माण और जलजमाव से जंजाल बना हुआ है। स्कूली बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते, मरीजों को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है और मजदूर रोजगार की तलाश में फंस जाते हैं। पानी भरे गड्ढों में वाहन फिसलते हैं, रिक्शा-ठेले उलझ जाते हैं। लोगों का जीवन रोज़ ठप हो रहा है, व्यापार-कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही है और उनकी आवाज अब एक ही बात कह रही है- "इस अंडरपास से राहत आखिर कब मिलेगी?" कटिहार-मनिहारी रेलखंड पर बना रघुनीचौक अंडरपास कभी राहत और सुविधा का प्र...
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