भागलपुर, फरवरी 22 -- देश के लाइफ लाइन रेलवे के चालकों की लाइफ सामान्य नहीं रह गई है। बढ़ते कार्यभार और बेतरतीब नियमों के कारण मानसिक परेशानी का शिकार होने लगे हैं। कटिहार रेल मंडल के विभिन्न सेक्शन में कार्यरत लोको पायलट ने हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान अपनी समस्याएं बताईं। उन्होंने कहा कि अन्य रेल मंडल में जो सुविधा और संसाधन है वह कटिहार रेल मंडल के लोको पायलट नहीं मिल रहा। लगातार 12 घंटे काम करना पड़ता है। छुट्टी नहीं मिलती। लगातार घर से बाहर रहना पड़ता है। लोको पायलट के रिक्त पदों पर बहाली नहीं होने से कार्यभार अधिक होता है। 05 सौ लोको पायलट हैं कटिहार रेल मंडल के विभिन्न सेक्शन में 08 घंटे पैसेंजर और 06 घंटे निर्धारित है मेल के चालक के लिए काम 22 हजार लोको पायलट हैं बिहार में, 1.32 लाख है कुल संख्या हर दिन लाखों यात्रियों को विभिन...