भागलपुर, जून 9 -- प्रस्तुति: अम्बुज, मोना कश्यप, देवाशीष गुप्ता कटिहार का गामी टोला, जहां हर दिन हजारों सपने उड़ान भरने आते हैं-इंजीनियर, डॉक्टर और अफसर बनने की उम्मीद लिए छात्र-छात्राएं। लेकिन इस सपनों की बस्ती की जमीनी हकीकत बहुत कड़वी है। बरसात में जलजमाव से गलियां तालाब बन जाती हैं, गंदगी से बदबू उठती है, और लोग मजबूरी में पीने का पानी खरीदते हैं। हर तरफ समस्याओं का अंबार है, लेकिन समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन। यह मोहल्ला विकास की रफ्तार से कोसों दूर खड़ा, उम्मीद और उपेक्षा के बीच झूलता दिखता है। गामी टोला सिर्फ एक मोहल्ला नहीं, हजारों सपनों की कसक और जद्दोजहद की ज़मीन है। शहर का शैक्षणिक केंद्र माने जाने वाला गामी टोला, जहां प्रतिदिन 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं मेडिकल, इंजीनियरिंग और इंटर की तैयारी के लिए पहुंचते हैं, खुद बुनिया...
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