भागलपुर, मई 15 -- फिजियोथेरेपिस्ट की समस्या प्रस्तुति: मोना कश्यप कटिहार जिले में फिजियोथेरेपिस्ट उन अनदेखे नायकों में से हैं जो दर्द से जूझते मरीजों को फिर से खड़े होने, चलने और सामान्य जीवन जीने की उम्मीद देते हैं। जिले के सदर अस्पताल को छोड़कर किसी भी प्रखंड में उनकी स्थायी नियुक्ति नहीं है, जिससे ग्रामीण मरीजों को गंभीर तकलीफों के बाद भी उचित पुनर्वास नहीं मिल पाता। वर्षों की मेहनत और लाखों रुपये खर्च कर डिग्री लेने वाले ये युवा नौकरी की कमी, कम वेतन और पेशेवर मान्यता के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं। बेहतर नीतियों और समर्थन की सख्त जरूरत है। कटिहार जिले के स्वास्थ्य तंत्र में एक अनदेखी कमी है - फिजियोथेरेपिस्ट। वे नायक जो दर्द से जूझते मरीजों को फिर से खड़े होने, चलने और जीने की उम्मीद देते हैं, लेकिन खुद अपने अधिकार और पहचान की लड़ाई ल...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.