औरंगाबाद, अप्रैल 27 -- कैमरा वाला फोन आने के बाद फोटोग्राफरों को शादी और विभिन्न आयोजनों को छोड़ काम नहीं मिल पाता है। पहले परीक्षा से लेकर फॉर्म भरने तक के लिए रोज पासपोर्ट साइज के फोटो बनाने की रोजाना दर्जनों काम मिल जाते थे। अब लोग मोबाइल से फोटो खींचकर प्रिंट करा लेते हैं या डिजिटल अपलोड कर देते हैं। ऐसे में काम की चुनौतियां बढ़ गई हैं। बड़े आयोजनों में भी पहले जैसे फोटोग्राफरों की टीम की जरूरत नहीं रह गई है। इससे फोटोग्राफर आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। भुगतान समय से नहीं मिलना, लोगों का खराब व्यवहार और कैमरा लेंस आदि की बढ़ती कीमतों से फोटोग्राफर प्रभावित है। वो अपने लिए सस्ते लोन, आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने की मांग कर रहे हैं। यह पेशा जितना आकर्षक है, उतना ही चुनौती पूर्ण भी है। एक फोटोग्राफर को अपनी रचनात्मकता के साथ तकनीकी कौ...