औरंगाबाद, मई 4 -- स्वच्छता पर्यवेक्षक अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं जिससे उनका भविष्य असुरक्षित बना हुआ है। वे चाहते हैं कि उनकी सेवाओं को नियमित किया जाए ताकि वह स्थाई रूप से इस कार्य को कर सकें। पंचायतों में स्वच्छता व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह बेहद आवश्यक है कि इन कर्मियों को आवश्यक सुविधा मिले। स्वच्छता पर्यवेक्षकों का वर्तमान मानदेय पांच हजार से सात हजार के करीब है। महंगाई के इस दौर में यह मानदेय उनके परिवार के लिए अपर्याप्त साबित हो रहा है। वे सरकार से मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे हैं ताकि सम्मानजनक जीवन जी सकें। कई पर्यवेक्षक मजबूरी में उधार लेने को मजबूर हो रहे हैं। आर्थिक तंगी के कारण उनका मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। कई महीनों से स्वच्छता पर्यवेक्षकों को उनका मानदेय नहीं मिला है। इससे उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.