औरंगाबाद, फरवरी 23 -- डीजे के शोर ने अंग्रेजी बाजा, ढोल ताशा, मोर बाजा, बैंजो बजाने वाले बैंड पार्टी के कलाकारों के रोजगार छीन लिए हैं। बैंड पार्टी के साथ उसके कलाकार भी परेशानियों से जूझ रहे हैं। तंगहाली में जी रहे कलाकारों के परिवार चलाने, बच्चों को पढ़ाने, इलाज कराने के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इससे जुड़े कलाकार बताते हैं कि अधिकतर लोगों के पास आयुष्मान कार्ड तक नहीं है और ना ही प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए कोई कैंप लगाया गया। ऐसे में गंभीर बीमारियों का इलाज करने में उन्हें कर्ज लेना पड़ता है। पहले शादी, विवाह के अलावा अन्य मांगलिक कार्यों में बैंड बाजा के मधुर धुन से अलग ही शमा बंधता था। तुरी और शहनाई की मधुर आवाज के बिना मांगलिक कार्य अधूरा प्रतीत होता था। समय बदला है और आज के नए परिवेश में डीजे की धमाकेदार तेज व कर्कश आवाज के ...