औरंगाबाद, मार्च 7 -- समाज का एक वर्ग जो दूसरों का आशियाना बनाने के लिए भट्ठों पर कड़ी मेहनत कर ईट का निर्माण करता है, पर उसका शायद खुद का आशियाना तक नहीं होता है। समाज के इस वर्ग की समस्याएं बेहद जटिल है। गरीबी उनकी सबसे बड़ी समस्या है। गरीबों की मार झेल रहे यह मजदूर के रूप में भट्ठों पर काम करते हैं। दिन-रात कड़ी मेहनत कर खुद व परिवार के सदस्यों के लिए नमक रोटी की जुगाड़ करते हैं। मजदूरी भी ने अल्प मिलती है जिससे उनके परिवार का सही तरह से गुजर भी नहीं हो पाता है। इसके बावजूद यह काम करना उनकी मजबूरी होती है। यह पढ़े-लिखे भी नहीं होते हैं और बेहद गरीब परिवार से तालुकात रखते हैं। बस कमाना-खाना और परिवार का भरण-पोषण करना ही इनकी जिंदगी है। सुबह से लेकर शाम तक मिट्टी के साथ जूझ रहे होते हैं। अधिक से अधिक ईंट बनाने की होड़ में लगे रहते हैं। उनकी मजद...
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